मंगलवार, 18 अप्रैल 2023
खगड़िया जिले में तापमान चढ़ा आसमान, लोग ब्याकुल
बुधवार, 5 अप्रैल 2023
खगड़िया: स्कूली बच्चों तक नहीं पहुंची निःशुल्क किताबें
खगड़िया जिले के प्रारंभिक स्कूलों में नए सत्र की पढ़ाई शुरू है। पर, बच्चों को मिलने वाली निशुल्क पाठय पुस्तक नहीं मिली है। आलम यह है कि अब तक कक्षा तीन, चार, पांच, छह व सातवीं के बच्चों के लिए किताबों के सेट राज्य से जिला को भी उपलब्ध नहीं हो सकी है। यह बात और है कि कक्षा एक, दो व आठवीं के बच्चों को मिलने वाली निशुल्क पाठय पुस्तक बीआरसी को उपलब्ध करायी जा चुकी है।
पहली अप्रैल से शैक्षणिक सत्र 2023-24 की पढ़ाई शुरू है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस सत्र के लिए जिले के 1060 प्रारंभिक स्कूलों के कक्षा एक से आठवीं तक में तीन लाख 55 हजार 59 बच्चों के लिए किताबों के सेट की डिमांड राज्य से की गई है। पर, महज कक्षा एक, दो व आठवीं के एक लाख 20 हजार 380 बच्चों के लिए ही विभिन्न प्रखंडों में किताबों का सेट पहुंची है। पर, वह भी स्कूलों तक बच्चों के लिए नहीं भेजी गई है।
इस सत्र से किताब सेट उपलब्ध कराने हुई है व्यवस्था इस शैक्षणिक सत्र से कक्षा एक से आठवीं तक के छात्र व छात्राओं को फिर से निशुल्क पाठय पुस्तक देने की व्यवस्था की गई है। इससे पहले पिछले कुछ सालों से बच्चों को किताब खरीदने के लिए खाते में ही डीबीटी के माध्यम से राशि उपलब्ध कराई जा रही थी। शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत पहले विभाग द्वारा बच्चों को किताब सेट ही उपलब्ध कराया जा रहा था। हाल के कुछ सालों से राशि ही दी जाने लगी। अब इस सत्र से फिर से किताब ही देने की व्यवस्था की गई है। जाहिर है कि जब जब किताब उपलब्ध कराई जा रही थी सत्र शुरू होने बाद ही बच्चों तक किताब पहुंच रही थी। यहां तक कि राशि जब देने लगी तो राशि भी सत्र शुरू के कई माह बाद राशि भेजी जाती थी। यहां तक अधिकांश बच्चे बिना किताब के ही कक्षा में पढ़ाई कर लेते थे। यही हाल फिर से अधिकांश बच्चों के सामने उत्पन्न हुई है।
जिले में प्रारंभिक स्कूलों के विभिन्न कक्षाओं के दो लाख से अधिक बच्चों के लिए किताबों के सेट जिले में आने का इंतजार है। उल्लेखनीय है कि अभी महज पहली, दूसरी व आठवीं कक्षा के लिए ही सातों बीआरसी में किताब पहुंची हैं। जहां से स्कूल ले जाया जाना है। इधर बता दें कि जिले में हिन्दी से जुड़ी तीन लाख 36 हजार 62 किताब की सेट की जरूरत है। वहीं उर्दू की 1288 सेट किताब की डिमांड की गई है। मिक्स किताब की सेट 17 हजार 709 की डिमांड हैं। अब देखना है कि जिस कक्षा की किताब जिले में राज्य से नहीं भेजी गई है, तब तक आती है। तब तक बच्चों को बिना किताब के ही स्कूल में पढ़ाई करने की मजबूरी रहेगी।
रविवार, 2 अप्रैल 2023
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शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2023
खगड़िया कुशेश्वरस्थान रेल परियोजना आधे से अधिक भाग में काम अधूरा
खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना के बड़े भाग में काम अभी भी शुरू नहीं हो सका है। 24 साल में महज साढ़े 18 किलोमीटर तक ही ट्रैक बिछ पाया है। 44 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में खगड़िया से अलौली तक अब पहले पैसेंजर ट्रेनें चलाई जाने की तैयारी जरूर है। परियोजना के कच्छप गति से चलने का आलम यह है कि नौ बड़े पुलों में चार पुलों का निर्माण भी शुरू नहीं होने की बात कही जा रही है। हालांकि खगड़िया से कुशेश्वर स्थान के बीच बनने वाले सभी 54 छोटे पुल व पुलिया जरूर बन रहा है। वहीं रेलवे स्टेशन भवन भी तीन जगहों को छोड़कर तैयार नहीं हुआ है। यहां तक कि चेराखेरा में स्टेशन भवन बनने की तैयारी भी नहीं देखी जा रही है।
तीन स्टेशन भवन बनकर तैयार: महज विशनपुर, कामाथान व अलौली गढ़ में स्टेशन भवन बनकर पूरी तरह से तैयार है। अलौली गढ़ आउटर सिगनल के बाद परियोजना का काम वर्तमान में भी नहीं दिखता है। अलौली के बाद चेराखेरा व शहरबन्नी के बीच मिट्टी भराई भी नहीं की जा रही है। अलौली से चेराखेरा के बीच नदी पर बड़ा पुल बनना है जो नहीं पूरा हुआ है। पिछले साल तक चेराखेरा व शहरबन्नी में परियोजना के अंतर्गत जिन किसानों की जमीन गई थी उसे मुआवजा का भी मामला पड़ा था। इससे आगे कुशेश्वर स्थान तक तेज गति से काम नहीं दिख रहा है। ऐसे में यह परियोजना के अगले दस साल तक पूरा होने में समय लग सकता है। हालांकि जिस अनुसार आवंटन इस बार दिया गया है ऐसे ही आवंटन मिले तो इससे पहले भी परियोजना के पूरी होने की उम्मीद की जा सकती है।खगड़िया-कुशेश्वर स्थान रेल परियोजना के बड़े भाग में काम भी शुरू नहीं हुआ है। 44 किलोमीटर लंबी इस रेल परियोजना में महज साढ़े अठारह किलोमीटर तक ही रेलवे द्वारा ट्रैक बिछाया जा सका है। परियोजना के कच्छप गति से चलने का आलम यह है कि नौ बड़े पुलों में चार पुलों का निर्माण भी शुरू नहीं होने की बात कही जा रही है। हालांकि खगड़िया से कुशेश्वर स्थान के बीच बनने वाले सभी 54 छोटे पुल व पुलिया जरूर बन रहा है। वहीं रेलवे स्टेशन भवन भी तीन जगहों को छोड़कर तैयार नहीं हुआ है। यहां तक कि चेराखेरा में स्टेशन भवन बनने की तैयारी भी नहीं देखी जा रही है।
हालांकि जिस अनुसार आवंटन इस बार दिया गया है ऐसे ही आवंटन मिले तो इससे पहले भी परियोजना के पूरी होने की उम्मीद की जा सकती है।
● परियोजना में महज साढ़े 18 किलोमीटर तक ही बिछा ट्रैक
● इस बजट से 237 करोड़ की मांगी गई थी राशि, मिली महज 65 करोड़