खगड़िया में तापमान चढ़ा आसमान, लोग ब्याकुल
स्कूली बच्चों की बढ़ी है समस्या, स्कूल समय में बदलाव की जरूरत
तेज धूप में जाति आधारित जनगणना कार्य में लगे कर्मियों की समझी जा सकती बेबसी
खगड़िया जिले में भीषण गर्मी में लोगों को घर से बाहर निकलना मुश्किल हुआ है। तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के करीब बताया जाता है। भीषण गर्मी का आलम ये है कि दिन में बाजारों की सड़कें सुनी होने है। जरूरत पड़ने पर ही लोग बाहर निकल रहे हैं। निकलते भी हैं तो सर पर टोपी और तौलिया बांधकर। छाता का भी लोग सहारा लेकर सर को धूप से बचाने की जुगत कर निकलते हैं। पर, धूप और उमसभरी गर्मी से राहत नहीं है। हिट वेव की स्थिति को लेकर अलर्ट भी जारी की गई है। एक तो तेज धूप और गर्म हवा लोगों को घर के अंदर भी बेचैन कर रहा है। दूसरी ओर धूप में निकलना कुम्हला दे रहा है। गर्म हवा और तेज धूप लोगों को लू की चपेट में ले रही है। एक ओर जहां लोगों को तेज धूप और गर्म हवा से बचने की सलाह दी जाती है तो दूसरी ओर सेकेंड चरण की जाति आधारित जनगणना कार्य इस भीषण गर्मी और तेज धूप में करवाया जा रहा है। तेज धूप में कर्मी घर घर जाकर प्रपत्र भरने में ब्याकुल हो रहे हैं। उमसभरी गर्मी से घर में पंखे की हवा में राहत नहीं है ऐसे में घर घर घूमने वाले कर्मियों की बेबसी को समझा जा सकता है। चिकित्सक भी लोगों को धूप में निकलने से बचने की सलाह देते हैं। पर सरकार इस हिट वेव के बीच जनगणना का कार्य की जा रही है। जबकि सुबह से शाम तक तेज धूप और गर्म हवा रहती है। ऐसे में कर्मियों को कार्य करना भी मुश्किल हो रहा है।
स्कूली बच्चों की बढ़ी है परेशानी: भीषण गर्मी में जहां घर से बाहर निकलना लोगों को मुश्किल हो रहा है। स्कूलों में गर्मी में बच्चों की पठन पाठन भी प्रभावित हो रहा है। वहीं स्कूली बच्चों के लिए परेशानी का सबब हुआ है। जी हां अभी स्कूल का समय सुबह साढ़े छह से साढ़े 11 बजे तक रखा गया है। जबकि सुबह से ही तेज धूप निकल रही है। लगातार कई दिनों से गर्म हवा भी चल रही है। ऐसे में साढ़े 11 बजे स्कूल से छुट्टी बाद घर लौटने के समय बच्चों को तेज धूप लग रही है। बच्चे बीमार पड़ने भी लगे हैं। वहीं सुबह बच्चे भूखे ही स्कूल आते हैं, जबकि मध्यह्न भोजन खाने का समय साढ़े 11 बजे रखा गया है। गर्मी में भूखे पेट भी देर तक रहने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बनी है। स्कूल की छुट्टी के समय में बदलाव करते हुए साढ़े 10 बजे तक स्कूल संचालन करने की जरूरत लोगों और अभिभावक जता रहे हैं। स्टूडेंट्स हित में इस ओर जिला प्रशासन को गम्भीर ध्यान देनी चाहिए। ताकि गर्मी की चपेट में बच्चे नहीं आ सके।
शीतल पेयजल की हो व्यवस्था: भीषण गर्मी पड़ रही है। शहर और गांव के चौक चौराहों पर शीतल जल की व्यवस्था प्रशानिक स्तर पर की जानी चाहिए। ताकि राहगीरों को प्यास बुझाने के लिए शीतल पानी के लिए तरसना और भटकना नहीं पड़े। शहर में बाजार के मुख्य जगहों पर अभी भी ये व्यवस्था नहीं दिखती है। यहां तक कि बस स्टेशन और रेलवे स्टेशन पर भी शीतल जल की व्यवस्था पर्याप्त नहीं की गई है। गर्मी में शरीर को पानी की अधिक जरूरत होती है। ऐसे में प्यास भी खूब लगती है। गरीब लोग को खरीदकर पानी पीने में आर्थिक समस्या न हो जगह जगह सरकारी स्तर से पानी की व्यवस्था होनी चाहिए।
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