शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2022
स्कूली बच्चों ने डीएम से मांगी खेल सामग्री, डीएम ने की 24 घंटे में मांग पूरी
सोमवार, 10 अक्टूबर 2022
...और वो आती जाती खत
शराबबंदी: शराबियों के घर अब चस्पा होगी पोस्टर, शराब नहीं पीने की होगी चेतावनी
रविवार, 9 अक्टूबर 2022
खगड़िया की बेटी विशालाक्षी खेलेगी सिनियर नेशनल महिला टी ट्वेन्टी क्रिकेट टूर्नामेंट
खगड़िया रेलखण्ड में चलेगी सात जोड़ी पूजा स्पेशल ट्रेनें, प्रदेश से लौटना हुआ आसान
खगड़िया। रेलवे से दीपावली व छठ पर्व पर परदेस से बड़ी संख्या में घर लौटने वाले रेल यात्रियों को राहत की सफर देना का फैसला लिया है। यहां तक कि दूसरे प्रदेश से त्योहार स्पेशल ट्रेनें आने भी लगी। जी हां त्योहार स्पेशल ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है। रेलवे ने खगड़िया रेलखंड होकर फिर चार जोड़ी त्योहार स्पेशल ट्रेन और चलाने की घोषणा की है। तीन जोड़ी साप्ताहिक स्पेशल ट्रेनें एक पखवारा पहले ही चलाने की घोषणा की गई थी। जिसमें सभी चारों साप्ताहिक ट्रेन सहरसा तक के लिए चलाई जाएगी। दो जोड़ी आनंदविहार से खुलेगी। जबकि एक नई दिल्ली व एक आनंदविहार से खुलेगी। जानकारी के अनुसार एक फेरी में 04022 डाउन व 04021 अप आनंदविहार टर्मिनल-सहरसा-आनंदविहार टर्मिनल पूजा स्पेशल ट्रेन आगामी 22 अक्टूबर को आनंदविहार से खुलेगी। अगले दिन 23 अक्टूबर को सहरसा पहुंचेगी। फिर इसी दिन वापस होगी। यह ट्रेन सिमरी बख्तियारपुर, खगड़िया रुकते हुए जाएगी।
इधर 04068 व 04067 नई दिल्ली-सहरसा पूजा स्पेशल ट्रेन आगामी 21, 26 व 29 अक्टूबर को नई दिल्ली से खुलेगी। वापसी में सहरसा से आगामी 22, 27 व 30 अक्टूबर को खुलेगी। वहीं 04016 व 04015 आनंद विहार टर्मिनल-सहरसा ट्रेन आगामी 23 व 26 अक्टूबर को नई दिल्ली से खुलेगी। जबकि सहरसा से वापस आगामी 24 व 27 अक्टूबर को चलेगी। इधर 04062 व 04061 आनंद विहार टर्मिनल-सहरसा त्योहार स्पेशल ट्रेन आगामी 21, 25 व 28 अक्टूबर को आनंदविहार से खुलेगी। वापसी में सहरसा से आगामी 22, 26 व 29 अक्टूबर को खुलेगी। यह ट्रेन भी सिमरी बख्तियारपुर, खगड़िया, बेगूसराय व बरौनी होते हुए चलेगी। बता दें कि इससे पहले तीन जोड़ी साप्ताहिक ट्रेन चलाने की घोषणा की जा चुकी हैं। जिसमें दो ट्रेन सहरसा तक चलेगी। जिसमें से एक अंबाला छावनी व एक आनंदविहार स्टेशन से चलकर सहरसा तक चलेगी। एक ट्रेन आनंदविहार से खुलकर कटिहार होते हुए जोगबनी तक चलायी जाएगी।
पहले तीन जोड़ी स्पेशल ट्रेनें दी गई: इससे पहले तीन जोड़ी साप्ताहिक त्योहार स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा की जा चुकी है। जिसमें 01662 आनंदविहार-सहरसा त्योहर स्पेशल गत 29 सितंबर को खुलकर सहरसा आ रही है। वहीं 01661 सहरसा से गत 30 सितंबर को वापस लौटी थी। ट्रेन की दूसरी बार आई। फिर लौट भी गई। बता दें कि यह ट्रेन सप्ताह में दो दिन चलाई जा रही है। वहीं 05521 व 05522 अम्बाला छावनी-सहरसा के बीच चलाने का आदेश आ चुका है। साथ ही 04010 व 09 आनंदविहार-जोगबनी टे्रन सप्ताह में एक दिन चलाने की घोषणा की जा चुकी है। यह ट्रेन आनंदविहार से पहली बार आगामी 18 अक्टूबर को खुलेगी। जो खगड़िया में रूकते हुए जोगबनी तक चलेगी।
By: R@jeev
सोमवार, 5 सितंबर 2022
शिक्षकों को बेहतर वेतन से ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: एमएलसी
बोर्ड परीक्षा के जिला टॉपर किए गए पुरस्कृत, शिक्षक हुए सम्मानित
शिक्षक दिवस पर माध्यमिक शिक्षक संघ के बैनर तले सम्मान समारोह
शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। जब तक शिक्षक अपने वेतन से संतुष्ट नहीं होंगे तब तक बच्चोंको गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बात नहीं की जा सकती है। शिक्षकों को पढ़ाने के साथ ही अपने हक व अधिकार के लिए लड़ने का भी काम करना पड़ रहा है। यह चिंताजनक है। यह बातें बिहार विधान परिषद सदस्य संजीव कुमार सिंह शनिवार को शहर के जेएनकेटी स्कूल सभागार में माध्यमिक शिक्षक संघ के तत्वावधान में शिक्षक दिवस पर आयोजित सम्मान समारोह में कही। संघ के जिला सचिव सूर्यनारायण यादव ने सूबे में पुरानी पेंशन योजना, शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की ओर एमएलसी का ध्यान दिलाया। कहा कि शिक्षकों को हर माह के पांच तारीख तक वेतन मिले यह सुनिश्चित किया जाएगा। एरियर व अन्य लाभ का निष्पादन जल्द कराने का काम किया जाएगा। शिक्षकों को मजबूति के साथ हक व अधिकार के लिए लड़ाई लड़नी होगी। सम्मान समारोह में इंटर साइंस टॉपर आयुष कुमार, आर्ट्स टॉपर असिम मीर, कॉमर्स टॉपर अंजली, मैट्रिक टॉपर निशांत व जुली को प्रस्सतिपत्र व पाठय सामग्री देकर पुरस्कृत किया गया। वहीं शिक्षक से प्रोफेसर बने नवीन कुमार, प्रभाष्ज्ञ, राजेश, महेश चौधरी, डा. कुमारी सुमन, डायट में व्याख्याता बने डा. सुमित, राकेश, संजय, विक्रम, आशा सिन्हा, हाईस्कूल के एचएम पद पर नियुक्त हुए रंजीत कुमार, कंुदन कुमार सुमन, रमन, पुष्पलता व निलिमा कुमारी को शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। वहीं सेवानिवृत शिक्षक प्रतापनारायण सिंह, देवचन्द्र झा, राज कुमार यादव सहित 23 को शॉल देकर सम्मानित किया गया। वहीं सघ के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया। इस दौरान डीईओ कृष्ण मोहन ठाकुर, एमडीएम डीपीओ कुमार अनुभव, पूर्व सचिव विष्णुदेव यादव, संघ के जिलाध्यक्ष डा. अभिनंदन कुमार, सदर अध्यक्ष राजीव सिंह, सचिव रंजन कुमार रवि, परीक्षा सचिव राजकिशोर राज, विनय कुमार सहित अखिल चौरसिया, नवीन कुमार, ब्रहमदेव राम, सुधांशु हिमांशु, रंजीव राय, नीतीश बली परवाना, सुभाष यादव, मुकेश कुमार, विजय सिंह आदि थे।
गुरुवार, 1 सितंबर 2022
खगड़िया के सन्हौली स्थित दुर्गा मंदिर की है पौराणिक मान्यता
दो सौ साल पहले खेत में देवी मां की प्रतिमा निकली थी, जो आज भी है मंदिर में स्थापित
पुजारी को मां ने स्वप्न में गांव के दक्षिण दिशा में प्रतिमा स्थापित करने को कहा था
खगड़िया शहर के सन्हौली स्थित मंदिर में मां दुर्गा की स्थापित प्रतिमा की पौराणिक मान्यता है। दो सौ साल पहले खेत से मिली मां की प्रतिमा आज भी मंदिर में स्थापित है। मंदिर में मां की शक्ति रूप में प्रतिमा स्थापित कर पूजा आराधना होती है। माना जाता है कि मंदिर के वर्तमान मुख्य पुजारी पंडित बोलबम ठाकुर के पूर्वजवों को दो सौ साल पहले सन्हौली गांव के पास मोइन कमला घार के पास से मां की प्रतिमा मिली थी, जिसे गांव के ठाकुरबाड़ी में स्थापित कर पूजा अर्चना की जाने लगी। इसके कुछ दिनों बाद उस पुजारी के स्वप्न में मां ने आकर प्रतिमा को गांव के दक्षिण दिशा में स्थापित करने को कहा। जिस पर पुजारी ने पूर्व विधायक केदार नारायण सिंह व गांव के गणमान्य लोगों से विचार विमर्श बाद वर्तमान के मंदिर स्थल पर प्रतिमा स्थापित किया गया। तब से वहां मां दुर्गा की प्रतिमा निर्माण कर हर साल पूजा की जा रही है। आज मंदिर भव्य रूप में बना है।
सन्हौली दुर्गा मंदिर में स्थापित मूर्ति।श्री दुर्गा स्थान सन्हौली की है महिला अपार: इस मंदिर की दूर दूर तक ख्याति है। शहर से लेकर जिले के विभिन्न हिस्से से लोग मां के दर्शन के लिए पहंुचते हैं। मंदिर के प्रति आस्था बड़ी है। यहां कलश स्थापन के साथ से ही पूजा अर्चना के लिए बड़ी भीड़ लगने लगती है। नवमी व दशमी पर तो मां के दर्शन व प्रसाद चढ़ाने के लिए काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। खास बात यह है कि यहां नवमीं की सुबह से ही पाठा की बली दी जाती है, जो शाम तक चलती है। कहा जाता है कि पन्द्रह सौ से दो हजार के बीच पाठा की बली चढ़ती है। लोगों की मन्नते पूरी होने पर पाठा चढ़ाने की आस्था दूर-दूर तक फैली है। यहां की परंपरा यह है कि दशवीं के दिन शाम में ही मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के लिए उठाई जाती है। पूरे गांव का भ्रमण कराया जाता है। पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही स्वरूप में मां की प्रतिमा स्थापित होती आ रही है।
नवरात्रा में शाम में होती है महा आरती: नवरात्रा पर मंदिर में शाम में महा आरती होती है। महा आरती में बड़ी संख्या में व्रति व श्रद्धालु शरीक होते हैं। सुबह व शाम में भी पूजा व आराधाना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है। नवमी व दशवी के दिन तो भीड़ उमड़ पड़ती है। मुख्य पुजारी पंडित बोलबम ठाकुर बताते हैं कि नवरात्रा पर नौ दिनों तक हर दिन अलग-अलग तरह के प्रसाद का वितरण श्रद्धालुओं के बीच किया जाता है। वहीं नौ दिनों तक देवी जागरण का भी कार्यक्रम होता है।
भागलपुर के कलाकार बनाते आ रहे हैं प्रतिमा: श्री दुर्गा स्थान सन्हौली में स्थापित मां की प्रतिमा भागलपुर जिले के कलाकार द्वारा ही बनाई जा रही है। वर्तमान में जो कलाकार प्रतिमा बना रहे हैं, इससे पहले उनके पीढ़ी ही बनाते थे। बताया जाता है कि चाचा व भतिजा मिलकर प्रतिमा बनाते हैं। मुर्तिकार मां की एक ही स्वरूप में बनाते आ रहे हैं। मां की भव्य प्रतिमा भी खास बनती है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु जेवरात भी चढ़ाते हैं।
मंदिर में उमड़ती है भीड़: दुर्गा पूजा पर मां के दर्शन व पूजा के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। अहले सुबह से जो भीड़ शुरू होती है लगातार लगी रहती है। मंदिर के प्रति लोगों की आस्था ही है कि यहां दर्शन व प्रसाद चढ़ाने के लिए हर कोई पहंुचते से खुद को नहीं रोक पाते हैं। महाआरती में दो से ढाई हजार भीड़ लगती है। पट खुलने पर यहां भीड़ काफी चलगती है। यहां वैसे तो पंडाला खास रूप में नहीं बनाया जाता है। साधारण पंडाल बनाया जाता है। लाइटिंग व गेट का निर्माण किया जाता है।
ट्रस्ट से संचालित है पूजा: श्री दुर्गा स्थान सन्हौली में दुर्गा पूजा का आयोजन ट्रस्ट के माध्यम से होता है। पांच लाख से अधिक का व्यय होता है। दो लाख तो पंडाल व लाइटिंग में ही लग जाता है। कमेटी द्वारा पूजा का खर्चा गांव व आसपास में चंदा इकट्ठा कर करते हैं। मंदिर की रसीद काटकर स्वेच्छा से जो लोग चंदा देते हैं वे लेते हैं। बताया गया कि समिति में अभी अध्यक्ष विजय रजक हैं। जबकि मंत्री नंदकिशोर सिंह, सचिव शेखर सिंह, सदस्य राकेश मोहन, मनीष कुमार सिंह, टिंकु सिंह सहित गांव के युवा व बुजुर्ग मिलकर शांति से प्रतिमा स्थापित करते हैं।
By: Rajeev