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सोमवार, 16 मई 2022

खगड़िया में एक स्कूल में नहीं पक रहा मध्याह्न भोजन, तीन सौ से अधिक बच्चे रह रहे भूखे, किचेन शेड नहीं से दिक्कत

खगड़िया में एक स्कूल के बच्चों को मध्याह्न भोजन उपलब्ध करवाने में शिक्षा अधिकारी हैं विफल

जिले में शतप्रतिशत स्कूलों में मध्याह्न भोजन योजना चालू नहीं है, जो शिक्षा अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है

खगड़िया जिले में तीन दिन पहले तक दो स्कूलों में बच्चों को एमडीएम योजना बंद थी। वैसे अब एक स्कूल में एमडीएम चालू की गई। पर, अब भी एक स्कूल में तीन सौ से अधिक बच्चों को एमडीएम परोसा नहीं जा रहा है। जबकि स्कूल में चावल व राशि भी उपलब्ध है। यहां तक कि गत दिनों भेजी गई चावल की आवंटन भी लेने से भी ये हेडमास्टर इंकार कर दिया। ऐसे में एचएम की मनमानी के आगे शिक्षा अधिकारी की सख्ती भी काम नहीं कर रही है जो सवाल है। बता दें कि सदर प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल हरिजन गंगिया में गत तीन अप्रैल से मध्याह्न भोजन बंद है। जबकि स्कूल पर्याप्त मात्रा में चावल व राशि है। हालांकि गत 28 से 30 मार्च तक तीन दिन एमडीएम बनाया गया था। पर, अब एचएम स्कूल में किचेन शेड नहीं रहने का विभाग को हवाला देकर एमडीएम संचालित नहीं कर रहे हैं। स्कूल में 375 बच्चे नामांकित बताए गए हैं। ब        इधर बेलदौर प्रखंड अंतर्गत मिडिल स्कूल गोंगी में भी चावल व राशि की उपलब्धता रहने के बाद भी मध्याह्न भोजन बंद रखा गया था। हालांकि अब तीन दिन पहले चालू की जा सकी है। बता दें कि जिले में 1060 प्रारंभिक स्कूलों में फिलहाल 1059 स्कूलों में बच्चों को एमडीएम मिल रहा है।

 एमडीएम संचालन नहीं करने पर एचएम पर हुई है प्रपत्र क गठित: जिले में मध्याह्न भोजन योजना का संचालन नहीं करने के मामले में अब तक 17 स्कूलों के हेडमास्टरों पर विभागीय कार्रवाई की गई है। बता दें कि नौ स्कूलों के एचएम पर शिक्षा अधिकारी ने प्रपत्र क गठित की कार्रवाई की है। 14 हेडमास्टरों पर गत 28 मार्च तक एमडीएम संचालन नहीं करने के आरोप में कार्रवाई की गई। जिसमें नौ नियमित शिक्षकों पर प्रपत्र क कठित की गई। जबकि अन्य पर नियोजन इकाईयों को लिखा गया। इसके बाद दो व फिर एक एचएम पर विभागीय कार्रवाई की गई।

प्रपत्र क गठित की नहीं हो सकी जांच: प्रपत्र क गठित किए जाने के एक माह बाद भी आरोपों की जांच नहीं हो सकी है। ऐसे में एचएम की वेतन बंद तो है ही साथ ही स्कूलों में एचएम योजना भी संचालित किया जा रहा है। पर, जांच नहीं होने से एचएम कार्रवाई से मुक्त नहीं हो सके हैं। इधर एक तरफ स्थापना डीपीओ स्तर से नौ एचएम के आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं। तो दूसरी ओर एमडीएम डीपीओ पत्र जारी कर जांच अधिकारी को इन एचएम का आरोप मुक्त करने को लिखा गया है। जो सवाल भी उठाता है।

मंगलवार, 10 मई 2022

खगड़िया जिला बना तो, विकास की लिखी कई गाथाएं...

खगड़िया जिले के रूप में 41 साल का सफर पूरा किया। इस सफर में कई उतार चढ़ाव भी देखे। 

जिले ने अपने नाम अनेकों उपलब्धि जोड़े तो कई कसक आज भी बांकी है। 

सात नदियों से घिरे खगड़िया के दर्जनों गांव हर साल बाढ़ की विभीषिका भी झेलती आ रही है।

स्थापना के बाद ये पहला अवसर है, जब 41वां स्थापना दिवस को समारोह के रूप में जिला मना रहा। 

खगड़िया एक नजर में: 10 मई 1981 को मुंगेर से अलग होकर खगड़िया स्वतंत्रता जिला बना। 30 अप्रेल 1981 को बिहार सरकार की अधिसूचना से  जिला बना था। इससे पहले 1943-44 में खगड़िया अनुमंडल के रूप में मुंगेर जिला अंतर्गत बना था। खगड़िया का इतिहास गौरवशाली और कई मायनों में खास है। ये धरती पौराणिक धार्मिक रूप में मां कात्यायनी मंदिर शक्तिपीठ रूप में  है। 52 कोठरी 53 द्वार की धरोहर है। कहते हैं कि 5वी शताब्दी पूर्व मुगल शासक अकबर के मंत्री टोडरमल ने जब यहां की भौगोलिक बनावट के करण जमीन की पैमाइश नहीं कर सके, तो इसे फरक कर दिया। तब से फरकिया नाम से जाना जाता है। 

    दो अनुमंडल, सात प्रखंड, अब दो नगर परिषद, तीन नगर पंचायत वाले जिला 10863 वर्ग किमी में फैला है। जहां सात नदियां भी बहती है। दो एनएच और कई रेलखंडों से जुड़ी खगड़िया सीमा से बेगूसराय, सहरसा, भागलपुर, समस्तीपुर, मधेपुरा और मुंगेर जिला लगती है। खगड़िया मक्का उत्पादन में एशिया में अव्वल है, तो ये दूध, दही, मछली की धरा के रूप में जानी जाती है। शहीदों की धरती भी रही है। देश को आजादी दिलाने में प्रभुनारायण और धन्ना-माधव ने अपनी प्राणों की आहुति थी। दानवीर कर्ण की धरती पर श्यामलाल और अवध बिहारी भी दानवीर हुए। 

अपना खगड़िया इस 41 सालों में हर मुकाम पर तरक्की की कई  गाथाएं लिखी है। चाहे खेल हो या राजनीति की पटल पर देश ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है। इस लंबे सफर में  अनेकों उपलब्धि नाम की, तो कुछ कसक अब भी बांकी है। इतिहास के पन्नों में कई स्वर्णिम  मुकाम बनाई। तो इस धरती ने कई ऐसे हादसों को भी दिखाया है, जो आज भी लोगों को विचलित करती है। स्थापना काल के बाद से  41 वां स्थापना दिवस को  जिला प्रशासन समारोह के रूप में मनाया। 

खगड़िया में है कोशी का कैब्रिज: आजादी की याद को समेटे 1947 मेें स्थापित कोशी कॉलेज जिले की पहचान कोशी की कैब्रिज के रूप में दिलाई। तब के एसडीओ और स्थानीय शिक्षाविदों ने जमीन और धन दानकर इस शिक्षा की मंदिर को स्थापित किया था। आज भी अपनी भव्यता और नाम के साथ अतीत को बता रहा है। अब यहां पीजी  स्तर तक की पढ़ाई होती है। महिला कॉलेज सहित चार स्नातक स्तरीय कॉलेज है। 

1992 में खगड़िया जुड़ गया था व्यवसायिक शिक्षा से: 1992 में सूबे के कुुुछ गिने चुने जिले केे साथ खगड़िया में भी इंटर स्तरीय व्यवसायिक शिक्षा की व्यवस्था हो गई थी।  शहर के जेएनकेटी स्कूल में इसे स्थापित किया गया। साल 2011 से तकनीतिक शिक्षा की ओर कदम तेजी से बढ़ा। आज तीन  iti college है। anm कॉलेज है। पोलटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेज की भवन बनकर पढ़ाई के लिए तैयार खड़ा है। केंद्रीय विद्यालय और जवाहर नवोदय विद्यालय है। सरकारी डीएलएड प्रशिक्षण केंद्र है। तीन बीएड कॉलेज भी खुला है। अभी 137 माध्यमिक और प्लस टू स्तरीय स्कूल है, जो हर पंचायत में स्थापित है। 1061 सरकारी प्रारम्भिक स्कूल है, जो हर टोले से जुड़ा है। अब गांव सीधे स्वास्थ्य सुविधा से जुड़ा है। खगड़िया को विकास के पथ पर बढ़ाने और नाम बढ़ाने में हर कोई ने  जब जहां अवसर और मौका मिला कसर नहीं छोड़ी। 

देश की राजनीति की पटल पर खगड़िया: देश ही नहीं विदेशों में खगड़िया की राजनीति की पहचान बनी है। जिले के अलौली प्रखंड के नदी पार के गांव शहरबन्नी से निकल कर तीन भाइयों ने देश की राजनीति में धाक जमाया। शहरबन्नी गांव मेें 1946 में जन्मे रामविलास पासवान ने वर्ष 1977 में हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र से पांच लाख से अधिक मतों से चुनाव जीतकर गिनीज बुक ऑफ व वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया, जो देश के इकलौते राजनेता थे। छह प्रधानमंत्री के कार्यकाल में कैबिनेट मंत्री रहे। मरणोपरांत भारत सरकार ने उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया। पद्मभूषण सम्मान प्राप्त करने वाले वाले राज्य के वे पहले राजनेता हुए। वे राष्ट्रीय पार्टी बनाकर राजनीति की विरासत अपने पुत्र के हाथ सौपी। अब उनके छोटे भाई पशुपति पारस केंद्र में मंत्री हैं। 

खगड़िया ने दी मुख्यमंत्री: जिले के सतीश प्रसाद सिंह वर्ष 1968 में सूबे मुख्यमंत्री बने थे। वे सूबे के छठे व पहले गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री बने थे। वर्ष 1968 में 27 जनवरी से 5 फरवरी तक वे मुख्यमंत्री रहे। वे पसराहा के पास अपने नाम पर सतीशनगर गांव बसाया। 

खेल के मैदान पर खगड़िया: खेल के मैदान पर भी खगड़िया ने देश ही नहीं अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई। गोगरी प्रखंड अन्तर्गत शिरनिया गांव  के फुुुटबॉलर विधानचंद्र मिश्रा वर्ष 1965 में भारतीय टीम में चुने गए। पाकिस्तान के शीर मूल्तान में ईरान व रूस के खिलाफ गोलकर भारतीय टीम को जीत दिलायी थी। जलकौड़ा के फुटबॉलर मो सरफराज साल 2021 में बिहार सीनियर फुलबॉल टीम के कप्तान की जिम्मेदारी संभाली। 2019 में हुई संतोष ट्रॉफी में सरफराज ने बिहार की ओर से बंगाल में मेजबान टीम को एक गोल दागकर जीत दिलाई थी। मानसी के चकहुसैनी की नेहा सीनियर महिला फुटबॉल टीम का हिस्सा बन चुकी है। खेल मंत्री से सम्मानित भी हो चुकी है। महिला क्रिकेट में  विशालाक्षी  और अपराजिता सीनियर महिला नेशनल मैच खेल जिला का मान बढ़ाई है। हॉकी में सोनम और ज्योति सब जूनियर महिला नेशनल खेली। नवनीत कौर और ख़ूबशु सीनियर महिला नेशनल  खेल चुकी है। बालक हॉकी में भी नाम है। 

योग और संगीत की भी बजी धुन: जिले की योगपरी श्रेया त्यागी चार साल की उम्र में ही वर्ष 2015 में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार जीत चुकी है। योग गुरु बाबा रामदेव ने नन्ही योग गुरु की उपाधि दी थी। दर्जनभर से अधिक अवार्ड से सम्मानित होकर जिले को योग में पहचान दिलाई। लोक गायक सुनील छैला बिहारी अंगिका गीत के माध्यम से सूबे के अलावा दूसरे प्रदेशों में जाने जाते हैं। एक दौर था जब हर जगह छैला बिहारी की गीत की धूम थी। इसके अलावे साहित्य में भी खगड़िया की लेखनी की पहचान है। 

By- Rajeev



गुरुवार, 5 मई 2022

अपग्रेड हाईस्कूलों में शिक्षकों की कमी, पढ़ाई की हो रही कोरम

मंगलवार, 3 मई 2022

खगड़िया-अलौली रेलखंड पर होगी स्पीड ट्रायल, दौड़ेगी मालगाड़ी

  खगड़िया-कुशेश्वर स्थान नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत खगड़िया-अलौली रेलखंड पर आज यानी 04.05.2022 को ट्रेन की स्पीड ट्रायल होगी। 
    
44 किमी लंबे खगड़िया-कुशेश्वर स्थान नई रेल लाइन परियोजना के अंतर्गत नवनिर्मित 18.5 किमी लंबे खगड़िया-अलौली रेलखंड पर दिनांक 04.05.2022 को मालगाड़ी परिचालन को लेकर अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान अलौली से खगड़िया स्टेशन तक स्पीड ट्रायल भी किया जायेगा। इस दौरान रेल अधिकारियों ने आम लोगों को रेलवे लाईन से दूर रहने की सलाह दी है।

मंगलवार, 26 अप्रैल 2022

खगड़िया में 27 अप्रैल से स्कूलों का संचालन 10:30 तक

भीषण गर्मी को देखते स्कूल के समय में हुआ बदलाव
 भीषण गर्मी को देख डीएम ने जारी की आदेश
   खगड़िया जिले में भीषण गर्मी को देखते हुए स्कूलों के संचालन के समय में बदलाव किया गया है। खगड़िया डीएम ने जिले के सभी स्कूलों में शैक्षणिक गतिविधि अब दिन के 10:30 बजे तक ही करने का आदेश जारी किया है। ये आदेश 27 अप्रैल से लागू होगी। जाहिर है कि फिलहाल  स्कूलों का संचालन 11:30 बजे तक हो रहा है। जिले में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच गया है। जिसका असर स्कूली बच्चों पर प्रतिकूल पड़ रहा है।

खगड़िया जिले में 40 डिग्री के पार तापमान

जिले में दो दिनों से फि र मौसम का पारा चढ़ा रहा। तापमान चालीस डिग्री के पार रहा। तेज धूप व गर्म हवा लोगों को कुम्हला रहा है।

रविवार को देह जला देने वाली धूप का आलम यह रहा कि लोग घर से बाहर निकलने से परहेज किया। जिसका असर सड़क पर लोगों की आवाजाही कम देखा गया। गर्म हवा से लोगों को घर में भी राहत नहीं मिल रही थी। लोग पंखे की हवा में भी गर्मी से कुम्हला रहे थे। सुबह से ही तेज धूप निकली थी। शाम पांच बजे बाद भी तापमान में नरमी नहीं हो पाई थी। देर शाम भी गर्म हवा से लोगों को राहत नहीं मिली।

बता दें कि दो दिन पहले तक मौसम खुशनुमा हो गई थी। तीन दिनों तक गर्मी से लोगों को हद तक राहत महसूस हो रही थी। तेज हवा हल्की ठंडक का एहसास भी करा रही थी। पर, शनिवार से फिर से तेज धूप के साथ गर्म हवा लोगों को व्याकुल करने लगा है। जो रविवार को और अधिक महसूस किया गया।

गर्मी का ऐसा ही आलम रहा तो लोगों को घर में भी रहना भी मुश्किल होगा। धूप में बाहर निकलना लोगों को दुश्वार तो कर रही रखा है। तेज धूप में चलने वाली गर्म हवा लोगों को घर के अंदर पंखें की हवा में भी व्याकुल कर रही है। धूप में पैदल चलने वाले लोगों को खासे झुलसा रही है।

वहीं बाइक सवारों को भी गर्म हवा परेशान कर रही है। सुबह आठ बजे से ही तेज धूप लोगों को झुलसाना रही है। देर शाम तक गर्मी का असर अनुभव किया जा रहा है। जिसका असर लोगों के दैनिक कार्य पर भी पड़ रहा है। वहीं बाजार के कारोबार पर भी असर देखा जा रहा है।

जिले में दो दिनों से फि र मौसम का पारा चढ़ा रहा। तापमान चालीस डिग्री के पार रहा। तेज धूप व गर्म हवा लोगों को कुम्हला रहा है।

रविवार को देह जला देने वाली धूप का आलम यह रहा कि लोग घर से बाहर निकलने से परहेज किया। जिसका असर सड़क पर लोगों की आवाजाही कम देखा गया। गर्म हवा से लोगों को घर में भी राहत नहीं मिल रही थी। लोग पंखे की हवा में भी गर्मी से कुम्हला रहे थे। सुबह से ही तेज धूप निकली थी। शाम पांच बजे बाद भी तापमान में नरमी नहीं हो पाई थी। देर शाम भी गर्म हवा से लोगों को राहत नहीं मिली।

बता दें कि दो दिन पहले तक मौसम खुशनुमा हो गई थी। तीन दिनों तक गर्मी से लोगों को हद तक राहत महसूस हो रही थी। तेज हवा हल्की ठंडक का एहसास भी करा रही थी। पर, शनिवार से फिर से तेज धूप के साथ गर्म हवा लोगों को व्याकुल करने लगा है। जो रविवार को और अधिक महसूस किया गया।

गर्मी का ऐसा ही आलम रहा तो लोगों को घर में भी रहना भी मुश्किल होगा। धूप में बाहर निकलना लोगों को दुश्वार तो कर रही रखा है। तेज धूप में चलने वाली गर्म हवा लोगों को घर के अंदर पंखें की हवा में भी व्याकुल कर रही है। धूप में पैदल चलने वाले लोगों को खासे झुलसा रही है।

वहीं बाइक सवारों को भी गर्म हवा परेशान कर रही है। सुबह आठ बजे से ही तेज धूप लोगों को झुलसाना रही है। देर शाम तक गर्मी का असर अनुभव किया जा रहा है। जिसका असर लोगों के दैनिक कार्य पर भी पड़ रहा है। वहीं बाजार के कारोबार पर भी असर देखा जा रहा है।

जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा 30 अप्रैल को

खगड़िया जिले में आगामी 30 अप्रैल को छह केन्द्रों पर जवाहर नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा होगी। इस सत्र में कक्षा छह में 40 सीट पर नामांकन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में 3253 परीक्षार्थी शामिल होंगे। जवाहर नवोदय विद्यालय के प्राचार्य सुरन्द्र झा कहा कि परीक्षा दिन के 11 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक ली जाएगी। बताया गया कि जेएनकेटी केन्द्र पर 808 परीक्षार्थी शामिल होंगे। वहीं आर्य कन्या हाईस्कूल केन्द्र पर 634, एसएल डीएवी में 584, मवि हाजीपुर उत्तर में 335, एसआर इंटर स्कूल में 359, एसएल डीएवी बाजार शाखा में 533 परीक्षार्थी शामिल होंगे।