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गुरुवार, 1 सितंबर 2022

नव भारत साक्षरता कार्यक्रम: शुरू होने से पहले ठंडे बस्ते में हुई गुम

 नव भारत साक्षरता कार्यक्रम: शुरू होने से पहले ठंडे बस्ते में हुई गुम 

साल 2020 में शुरू होने वाली पढ़ना लिखना अभियान धरातल पर आने से पहले हो चुकी है बंद 

15 आयु वर्ष उपर के असाक्षर महिला व पुरूष को गत अप्रैल से साक्षर करने की शुरू होनी थी केन्द्र 

विभागीय पत्र मार्च में आई तो जिले में असाक्षरों को सर्वें की सुगबुगुहाट हुई शुरू

केन्द्र शुरू करने को लेकर गाइडलाइन व आवंटन आज तक नहीं आई, कार्यक्रम पर लगता नजर आ रहा है ग्रहण  

     खगड़िया जिले के असाक्षर महिला व पुरूषों को साक्षर करने की योजना शुरू होने से पहले ही ठंडे बस्ते में गुम हो गई। जी हां केन्द्र प्रायोजित नव भारत साक्षरता कार्यक्रम इस साल के अप्रैल माह से शुरू करनी थी, जो अबतक किसी गाइडलाइन व आवंटन के अभाव में शुरू नहीं हो सकी थी। यहीं हाल साल 2020 में भी शुरू की जाने वाली केन्द्र प्रायोजित पढ़ना लिखना अभियान धरातल पर उतरने से पहले ही फाइलों में बंद की जा चुकी है। बताया जाता है कि साल 2020 में केन्द्र सरकार द्वारा योजना को लंच किया गया था। हालांकि उस साल के वित्तीय साल के अंतिम माह में जिले को गाइडलाइन उपलब्ध कराते हुए केन्द्र संचालित करने को कहा गया था। पर, आवंटन जिले को उपलब्ध नहीं कराया जा सका था। इसके दूसरे साल नई योजना नव भारत साक्षरता कार्यक्रम लाया गया, इसका भी वैसा ही हाल होता नजर आता है। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम की बात करें तो इस साल के मार्च माह के अंत में विभागीय स्तर से गांव से लेकर शहर तक के 15 वर्ष आयु वर्ग से उपर के सभी जाति व धमार्ें के असाक्षर महिला व पुरूषों को साक्षर करने के लिए केन्द्र संचालत करने का लेटर आया था। जिस पर जिले में असाक्षरों को सर्वें करने का काम भी शुरू कर दी गई थी। यहां तक कि गत अप्रैल से साक्षरता केन्द्र शुरू करने की तैयारी भी विभाग करने को तैयारी में थी। पर, आज तक किसी तरह की केन्द्र संचालन को लेकर ना तो गाइडलाइन आई और ना ही आवंटन ही जिले को मिल सका। ऐसी स्थिति में सर्वें का कार्य भी बीच मजझार में ही छोड़ देनी पड़ी। वैसे जिले में फिलहाल मुख्यमंत्री असक्षर आंचल योजना के तहत दलित व महादिल वर्ग के महिलाओं को साक्षर की जा रही है। नव साक्षर हुई 13 हजार 520 महिलाओं को आगामी 25 सितम्ब को बुनियादी साक्षरता महापरीक्षा में शामिल कराने की तैयारी की जा रही है। नव भारत साक्षरता कार्यक्रम शुरू होता तो असाक्षर पुरूष भी साक्षर हो पाते। असाक्षरों को बुनियादी शिक्षा के तहत पढ़ना, लिखना सहित सरकार स्तर से संचालित कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी मिलती।यह कार्यक्रम अगले पांच साल यानि 2027 तक संचालित करने का आदेश आया था। 

साक्षरता केन्द्रों पर असाक्षरों को वीटी से पढ़ाने की थी व्यवस्था: साक्षरता केन्द्रों पर असाक्षर महिला व पुरूषों को स्वयं सेवक (वीटी) साक्षर करने की योजना बनाई गई थी। वीटी के रूप में स्थानीय स्तर के छात्र-छात्राएं, सेवानिवृत कर्मी, सामाजिक कार्यकर्ता आदि को जिम्मेदारी दी जानी थी। स्वेच्छा से शिक्षा दान करने वालों को वीटी के रूप में चयन करने की बात कही गई थी। हर दस असाक्षरों को पढ़ाने के लिए एक वीटी लगनी थी। केन्द्र टोला व मुहल्ला में ही संचालित होनी है।  

मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत महिलाएं हो रही है साक्षर: जिले में वर्तमान में बिहार सरकार की मुख्यमंत्री अक्षर आंचल योजना के तहत असाक्षर महादलित व दलित महिलाओं को साक्षर करने की मुहिम चल रही है।  इस योजना के तहत 15 से 45 साल उम्र तक के महादलित व दलित, अल्पसंख्यक असाक्षर महिलाओं को साक्षर करने के लिए 687 साक्षरता केन्द्रों पर शिक्षा सेवक व तालिमी मरकज जिम्मेदारी है। यह योजना 10 दिसम्बर 2012 में शुरू हुई थी। साक्षर होने वाली महिलाओं की बुनियादी साक्षरता परीक्षा लेकर प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाता है। 

साक्षर भारत कार्यक्रम अब हो गई है बंद: जिले में चल रही केन्द्र प्रायोजित साक्षर भारत कार्यक्रम के तहत असाक्षरों को साक्षर करने की योजना अब बंद कर दी गई है। जिसमें 15 आयु वर्ग से उपर के असाक्षर महिला व पुरूषों को साक्षर किया जा रहा था। बताया जाता है कि यह कार्यक्रम 2010 में शुरू हुई थी, जो साल 2018 में बंद कर दी गई। बताया गया कि इस बीच जिले में तीन लाख से अधिक असाक्षरों को साक्षर किया गया। 

केन्द्र प्रायोजित पढ़ना लिखना अभियान धरातल पर उतरने से पहले ही फाइलों में बंद हो चुकी है। बता दें कि साल 2020 में केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना को लंच किया गया था। हालांकि उस साल के वित्तीय साल के अंतिम माह में जिले को गाइडलाइन उपलब्ध कराते हुए केन्द्र संचालित करने को कहा भी गया था। पर, आवंटन जिले को उपलब्ध नहीं हुआ। हालांकि जिला स्तर पर केन्द्र संचालन को लेकर बैठक भी हुई। जिले को 16 हजार के करीब असाक्षरों को साक्षर करने का लक्ष्य भी मिला था। सूत्रों की मानें तो इस अभियान के तहत असाक्षरों को पढ़ाने के लिए वीटी का भी चयन कर लिए जाने की बात कही गई। पर, बाद में योजना को बंद कर अब नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को लाया गया है। 

By: Rajeev


बुधवार, 3 अगस्त 2022

देश आजादी में खगड़िया रही शहीदों की धरती


शनिवार, 23 जुलाई 2022

खगड़िया में बैकलॉग सहित 3488 पदों पर होगी शिक्षकों की नियुक्ति

खगड़िया जिले में सातवें चरण में 3488 पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति होनी है। छात्र अनुपात में इस बार शिक्षक के पद भरे जाएंगे। कक्षा एक से पांचवीं तक में 1649 सीट चिह्नित किए गए हैं। जबकि कक्षा छह से आठवीं तक में विषयवार 1839 सीट पर बहाली संभावित है। इन सीटों में छठे चरण की बची 786 सीट भी शामिल किया गया है। जिसमें कक्षा एक से पांचवी के 534 बीच सीट है। जबकि कक्षा छह से आठवीं के 252 सीट भी जुड़ा है। गत 31 मार्च तक सेवानिवृत्त, त्यागपत्र व सेवामुक्त होने के कारण रिक्त 62 सीट शामिल है। जिसमें प्राइमरी के लिए 60 रिक्त पद व मिडिल स्कूल के लिए 22 सीट शामिल है। छात्र अनुपात में इस बार चिह्नित किए गए कुल रिक्ति 2620 है। जिसमें कक्षा एक से पांचवीं में 1055 व कक्षा छह से आठवीं में 1565 सीट चिह्नित किए गए हैं। बता दें कि प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने गत 26 मई को पत्र जारी कर सभी डीईओ व डीपीओ स्थापना से बिते 31 मार्च 2022 की स्थित के अनुसार स्कूलावार व इकाईवार रिक्त पदों की गणना करने का आदेश दिया था। जिसके आधार पर गत 15 दिन पहले जिले से चिह्नित रिक्ति को राज्य भेजा गया था।

सदर प्रखंड के 86 रिक्त सीट पर महज 39 अभ्यर्थियों का हुआ था चयन: सदर प्रखंड अंतर्गत 16 पंचायतों में नियोजन की प्रक्रिया हुई। जिसमें 86 रिक्त सीट पर महज 39 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। अलौली प्रखंड अंतर्गत 19 पंचायतों में 91 रिक्त सीट पर महज 37 का चयन किया गया था। मानसी प्रखंड अंतर्गत चार पंचायतों में 28 सीट पर महज नौ का चयन हो पाया था। वहीं चौथम प्रखंड अंतर्गत 11 पंचायत नियोजन इकाईयों में 46 सीट में 23 अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। गोगरी प्रखंड अंतर्गत 14 पंचायत नियोजन इकाईयों में रिक्त 60 सीट में 30 सीट ही भर सका। बेलदौर के 13 पंचायतों में 93 सीट में 41 अभ्यर्थी चयनित हुए थे। परबत्ता अंतर्गत 16 पंचायत नियोजन इकाईयों में शिक्षक के 80 रिक्त सीट पर महज 37 का चयन हो पाया था। जिलेके विभिन्न 93 पंचायत नियोजन इकाईयों में काउंसिलिंग हुई थी।

शनिवार, 2 जुलाई 2022

खगड़िया जिले में प्रारम्भिक स्कूल में सातवें चरण के लिए 3488 सीट चिन्हित

जिले में क्लास एक से आठवीं तक मैं 3488 रिक्ति हुई चिन्हित
खगड़िया जिले में सातवें चरण की होने वाली शिक्षक नियुक्त के लिए 3488 रिक्ति चिंहित किये गए हैं। बताया जाता है कि क्लास एक से आठवीं तक के लिए ये रिक्ति स्कूल स्तर पर छात्र अनुपात में राज्य को भेजी गई है। जानकारी के अनुसार प्रारम्भिक स्कूल के छठे चरण में 1320 सीट के लिए नियोजन की प्रक्रिया हुई थी। जिसमें नियोजन के बाद 786 सीट खाली रह गए थे। इसे भी अगली होने वाली सातवें चरण की नियोजन में जोड़ा गया है। बताया जाता है कि अब जिला स्तर पर अगले पंद्रह दिनों में रोस्टर तैयार करने का कार्य भी कर लिया जाएगा।
By: Rajeev

रविवार, 19 जून 2022

मुंगेर यूनिवर्सिटी: स्नातक पार्ट वन और टू की 20 जून को होने वाली परीक्षा हुई स्थगित

 मुंगेर विश्वविद्यालय मुंगेर अंतर्गत 20 जून को होने वाली स्नातक पार्ट वन और पार्ट टू (सब्सिडियरी) की परीक्षा अपरिहार्य कारणों से स्थगित कर दी गई। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक ने पत्र जारी कर अगली सूचना तक के लिए स्थगित की है। बता दें कि इससे पहले गत 18 जून को ली जाने वाली परीक्षा भी रद्द की जा चुकी है।

शुक्रवार, 17 जून 2022

खगड़िया जिले में 686 शिक्षा सेवक और तालीमी मरकज किए गए प्रतिनियोजित

20 जून तक नव प्रतिनियोजित स्कूल में करना है योगदान, पहली वार हुई है स्कूल की अदला बदली

खगड़िया जिले में 686 शिक्षा सेवक व तालिमी मरकजों को एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रतिनियोजित किया गया है।  इसके साथ ही इन शिक्षासेवकों को आगामी 20 जून तक नव प्रतिनियोजित स्कूलों में योगदान देने का निर्देश मिला है। साक्षरता डीपीओ ने आदेश जारी कर स्कूलों के हेडमास्टरों को 18 जून तक सभी को विरमित करने को कहा है। ऐसा नहीं की स्थिति में प्रतिनियोजित कर्मी 19 जून से स्वत: विरमित माने जाएंगे।

विशेष सचिव सह निदेशक जन शिक्षा बिहार पटना के पत्रांक 739 दिनांक सात जुलाई 2021 एवं उप निदेशक जन शिक्षा के पत्रांक 687 दिनांक दो मई 2022 के आलोक में डीईओ के अनुमोदन के उपरांत साक्षरता डीपीओ कुणाल कुमार ने तीन वर्षों से अधिक एक ही स्कूल में कार्यरत शिक्षासेवकों को प्रखंड अंतर्गत अन्यत्र स्कूल में प्रतिनियोजन किया गया है। परबत्ता 29 सेवक व तालिमी मरकजों का प्रतिनियोजन किया। मानसी में 19, चौथम 54, गोगरी 54, बेलदौर101, सदर 198 व अलौली240 शिक्षा सेवक व तालिमी मरकज एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रतियोजित किए गए हैं। इधर साक्षरता डीपीओ कुणाल गौरव ने बताया कि विभागीय पत्र के आलोक में डीईओ के अनुमोदन के उपरांत एक ही कई सालों के पदस्थापित शिक्षा सेवकों व तालिमी मरकजों का प्रतिनियोजन किया गया है। 

नियोजन के बाद पहली बार इधर से उधर: जिले में टोला सेवक व तालिमी मरकजों को पहली बार एक स्कूल से दूसरे स्कूल में प्रतिनियोजन कर पदस्थापित किया गया है। जिले में साल 2009 में टोला सेवक व तालिमी मरकजों की विभिन्न स्कूलों में नियोजन किया गया था। पहले एसएसए के अंतर्गत इनका नियोजन किया गया था। इसके बाद साल 2012 में इनका समायोजन केन्द्र से बिहार सरकार अपने अंदर कर लिया।

By: Rajeev

रविवार, 12 जून 2022

जिले के माध्यमिक स्कूलों में है लैब, पर नहीं होता है प्रायोगिक समान प्रयोग