खगड़िया जिले के राजकीयकृत माध्यमिक स्कूलों में लैब की व्यवस्था तो की गई। पर, छात्र व छात्राओं के लिए प्रायोगिक कक्षा नहीं के बराबर बताई जाती है। खासकर इंटरस्तरीय कई ऐसे स्कूल हैं, जहां साइंस की तीनों विषयों के सभी शिक्षक नहीं हैं। जाहिर है कि कहीं पूरी तरह से लैब व्यवस्थित नहीं है, तो कहीं लैब महज खानापूर्तिभर बताया जाता है। वहीं साइंस की शिक्षकों की भी समस्या बताया जाता है। श्रीकृष्ण हाईस्कूल ओलापुर गंगौर में साइंस के एक शिक्षक हैं, जो प्रभारी प्राचार्य भी हैं। यहां भौतिकी व रसायन शास्त्र के एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां सामाजिक विज्ञान विषय में एक पद हैं, पर वर्तमान में तीन शिक्षक ओवर यूनिट इस विषय में पदस्थापित बताए जाते हैं। इंटर स्कूल भदास में भी साइंस संकाय में महज फिजिक्स विषय में ही शिक्षक हैं।
लैब है। पर, स्टूडेंट्स को नहीं मिलती सुविधा: जिले के माध्यमिक स्कूलों में लैब की सुविधा तो है। पर, अधिकांश स्कूलों में साइंस के स्टूडेंटस को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। कई स्कूलों में फर्नीचर नहीं रहने से प्रायोगिक की सामान अलमीरा में रखे शोभा बढ़ा रही है। वहीं एक भी स्कूलों में लैब तकनीशियन नहीं है। यहां तक कि कई स्कूलों में साइंस के शिक्षकों की भी अभाव बताया जाता है। ऐसे में प्रायोगिक की सामान रहते हुए भी बेकार साबित हो रहा है। जिले के अधिकांश स्कूलों में लैब का उद्देश्य साकार नहीं हो रहा है। इधर बता दें कि साल 2019 में श्रीकृष्ण हाईस्कूल ओलापुर गंगौर को शिक्षा विभाग द्वारा तीन लाख राशि की लैब का सामान उपलब्ध कराया गया था। पर, फर्नीचर की व्यवस्था नहीं की गई। जिससे लैब के सभी सामान को अलमीरा में रखने की मजबूरी है। ऐसे में छात्र व छात्राओं को सही सरीके से प्रायोगिक कक्षा लेने में समस्या बनी है। इधर इंटर स्कूल भदास में साल 2017-18 में तीन लाख राशि लैब के लिए दी गई थी। जिससे सामग्री की खरीद की गई थी। हालांकि यहां लैब रूम में फर्नीचर की व्यवस्था पहले से रहने से व्यवस्थित जरूर देखा जाता है। इसी साल कुछ और स्कूलों को तीन लाख दिए गए थे। वहीं कई स्कूलों को पांच लाख दिए गए थे। जिससे फर्नीचर की भी खरीदारी करनी थी। यह राशि योजना एवं लेखा संभाग द्वारा स्कूलों को उपलब्ध कराया गया था। जिसका कई स्कूलों ने उपयोगिता प्रमाणपत्र भी दिया। अधिकांश स्कूलों में लैब व्यवस्थित आज तक नहीं हो सका है। यहां तक कहा जाता है कि कई स्कूलों में लैब की सामान की खरीदारी सही से नहीं की गई। जो जांच के बाद ही सामने आ सकता है।
जिले में राजकीयकृत हाईस्कूलों में की गई है सुविधा: जिले में राजकीयकृत 41 माध्यमिक स्कूलों में कई चरणों में लैब की सामान व राशि उपलब्ध कराए गए। हालांकि जिले में वर्तमान में उत्क्रमित हाईस्कूल सहित 137 माध्यमिक व इंटर स्तरीय स्कूल हैं। उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों में लैब की व्यवस्था नहीं हो सकी है। सूत्रों की मानें तो साल 2019 में दो दर्जन के करीब माध्यमिक स्कूलों को तीन लाख की राशि से शिक्षा विभाग द्वारा ही लैब की सामान उपलब्ध कराया गया था। इससे पहले 2017-19 सत्र में भी कुछ स्कूलों को लैब की सामग्री खरीद के लिए तीन-तीन लाख रुपए दिए गए थे। वहीं कुछ स्कूलों को फर्नीचर के लिए अलग से दो-दो लाख भी दिए गए। पर, आज स्थिति यह है कि यह व्यवस्थित नहीं नजर आती है।
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