खगड़िया जिले के सुदूर गांव व दूसरे जिले से पढ़ाई करने आने वाली लड़कियों के लिए कॉलेजों में महिला छात्रावास की सुविधा सालों के बाद भी नहीं हो सका है। जिससे लड़कियों को शहर आकर उच्च शिक्षा हासिल करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नियमित रूप से कॉलेज नहीं कर पाती है। यहां तक कि कोचिंग करने में शहर आने में भी असुविधा उठानी पड़ती है। जबकि इंटर व स्नातक में अब ऑनलाइन नामांकन व्यवस्था में एक जिले से दूसरे जिले में कॉलेज में दाखिला मिल रहा है। इन सब के बीच अकेली लड़कियों को शहर में रहकर पढ़ाई करनी समस्या है। इस सब के बीच साल 2009 में कोशी कॉलेज परिसर में सौ बेड के बन रहेमहिला छात्रावास आज तक अधूरा पड़ा है। वहीं जिले के एकमात्र महिला कॉलेज में छात्रावास की भूमि पर अतिक्रमण के कारण 2008 में शिलान्यास के बाद भी निर्माण नहीं हो सका। गोगरी व परबत्ता स्थित कॉलेज में भी लड़कियों के लिए छात्रावास की सुविधा उपलब्ध नहीं है। कोशी कॉलेज में सौ बेड का दो मंजिला छात्रावास बनकर अधूरा पड़ा है। साल 2014 से यथावत स्थिति है। यूजीसी से सेकेंड किस्त की राशि आवंटित नहीं होने से निर्माण अधूरा पड़ा है। यूजीसी की 11वीं पंचवीं योजना के तहत 80 लाख लागत से सौ बेड का महिला छात्रावास का निर्माण की स्वीकृति उपरांत 26 अक्टूबर 2009 में तत्कालीन कुलपति प्रेमा झा के शिलान्यास के बाद निर्माण कार्य शुरू किया गया।
निर्माण पूरा से पहले ही टूटने लगा है छज्जा: कोशी कॉलेज में निर्माणाधीन महिला छात्रावास का अब तो छज्जा भी टूटकर गिरने लगा है। साल 2014 से दो मंजिला बने भवन अधूरा पड़ा है। मेन गेट में ग्रिड लगा है। निर्माण कार्य आगे नहीं होने से अब भवन की दीवार पर घास फुस लग गए हैं।
खगड़िया के एक मात्र महिला कॉलेज में भी हॉस्टल नहीं: जिले का एकमात्र महिला कॉलेज में बालिका छात्रावास निर्माण का सपना पूरा नहीं हो सका है। शहर के बलुवाही स्थित बिस्कोमान भवन स्थित छात्रावास की प्रस्तावित 14 कट्ठा 18 धूर जमीन पर यूजीसी फंड के 80 लाख की लागत से सौ बेड के हॉस्टल निर्माण की आधारशिला तत्कालीन वीसी ने 2008 में की थी। भूखंड अतिक्रमित रहने से निर्माण शुरू नहीं हुआ। जो आज तक नहीं हो सका। दो साल पहले यूजीसी से मिली पहली किस्त की 40 लाख राशि वापस भी हो गई है। इस साल के 1 फरवरी को प्रशासन ने अतिक्रमणकारियों पर कार्रवाई की पर, भूखंड अतिक्रमणमुक्त नहीं हुआ। पांच जून को छात्रावास की भूखंड की चाहरदीवारी को विधायक ने आधारशिला रखी है।
कहते हैं प्राचार्य
अधूरे महिला छात्रावास निर्माण पूरा कराया जाएगा। यूजीसी के कलकत्ता स्थित कार्यालय से हॉस्टल की बची सेकेंड किस्त की राशि उपलब्ध कराने की पहल होगी।
- डॉ. जयनंदन सिंह, प्राचार्य, कोशी कॉलेज
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