खगड़िया जिले में माध्यमिक व उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षकों का टोटा है। आलम यह है कि स्कूलों में सभी विषयों की पढ़ाई के लिए शिक्षक नहीं हैं।
जिले में माध्यमिक स्तरीय स्कूलों की बात करें तो 137 माध्यमिक व उच्च स्तरीय स्कूल हैं। जिसमें 40 राजकीयकृत, 96 उत्क्रमित, एक अल्पसंख्यक स्कूल हैं। इन स्कूलों में माध्यमिक व इंटर स्तरीय 534 शिक्षक ही पदस्थापित हैं। इसके अलावा 18 वित्तरहित स्कूल भी हैं। बड़ी बात है कि अधिकांश उत्क्रमित माध्यमिक व प्लस टू स्कूलों में इस स्तरीय शिक्षक ही पदस्थापित नहीं हैं। कहीं है तो दो या तीन हैं। शेष विषय के शिक्षक नहीं रहने से पढ़ाई भी नहीं हो पाती है। ऐसे में बिना शिक्षक के स्टूडेंटस भगवान भरोसे पढ़ाई कर रहे हैं।
बिना पढ़ाई रिजल्ट बेहतर यह बात और है कि हाल के दो तीन सालों से मैट्रिक व इंटर के स्टूडेंटस बोर्ड की परीक्षा में बेहतर अंक से पास कर रहे हैं। जबकि कोरोना के कारण दो साल से पठन-पाठन भी प्रभावित रहा है। उत्क्रमित प्लस टू स्कूल कासिमपुर में एक भी इंटर स्तरीय शिक्षक नहीं हैं। पर, इस बार इंटर में सौ के करीब परीक्षार्थी इंटर पास की है। यह तो महज उदाहरण है। जानकार की मानें तो पिछले दो तीन साल से मैट्रिक व बोर्ड की परीक्षा में 50 प्रतिशत सवाल ऑब्जेक्टिव पूछे जा रहे हैं। इस बार तो ऑब्जेक्टिव व सब्जेक्टिव सवाल में अतिरिक्त 50-50 प्रतिशत प्रश्न थे। साथ ही उत्तरपुस्तिका की बेहतर मार्किंग की व्यवस्था किए जाने से भी रिजल्ट प्रतिशत अच्छा होने की बात कही जाती है।