जिले के सुदूर गांवों होकर भी ट्रेन गुजरने का सपना पूरा होने की उम्मीद जगी है। सब कुछ ठीका ठाक रहा तो आने वाले कुछ सालों में गोगरी, बेलदौर व परबत्ता से जुड़े गांवों के लोग अपने घर तक ट्रेन की सफर कर सकेंगे। दरअसल इस बजट में महेशखूंट-नारायणपुर के बीच वाया गोगरी बाजार होते हुए परबत्ता प्रखंड के अगुवानी तक 40 किलोमीटर लम्बी नई रेल परियोजना की सर्वें के लिए राशि का प्रावधान किया गया है। सर्वें कार्य के लिए फिलहाल 50 हजार की राशि आवंटित की गई है। हालांकि सर्वें की कुल लागत छह लाख है। शेष राशि भी जल्द मिलने की उम्मीद की जा रही है। दूसरी रेल परियोजना सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर-बिहारीगंज वाया बेलदौर के बीच नई रेल परियोजना के लिए भी सर्वें करने का प्रावधान बजट में किया गया है। इसके लिए 20 हजार मिले हैं। कुल सर्वें के लिए लागत आठ लाख 10 हजार निर्धारित किया गया है। सर्वें में सब कुछ सही से रहा तो इन रूटों पर नई रेल परियोजना को हरी झंडी मिलते ही काम शुरू हो सकेगा। जिस पर रेल मंत्री ने कार्रवाई को लेकर जानकारी भी उपलब्ध कराई थी।
तत्कालीन रेल मंत्री स्व. रामविलास पासवान की महत्वाकांक्षी रेल परियोजना को 60 करोड़ मिलने से अब गति तेज होगी। स्व. पासवान अपने पैतृक गांव अलौली प्रखंड के शहरबन्नी तक ट्रेन चलने का सपना पूरा होना है। रेल मंत्री के रूप में स्वीकृत उनकी महत्वाकांक्षी रेल परियोजना रही खगड़िया-कुशेश्वर स्थान 1998 में स्वीकृत हुई थी। जो 2007 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। तब लागत 162 करोड़ था। अब बढ़कर 645 करोड़ तक हो गया। पर, परियोजना का काम आधा भी पूरा नहीं हो पाया। परियोजना का काम चल रहा है। सर्वें के लिए 2002 में दो करोड़ रुपए मिले थे।
इन रेल परियोजना को को लेकर लगातार रेल मंत्रालय से पत्राचार किया जा रहा था। लोगों को सुविधा होगी।
चौधरी महबूब अली कैसर,सांसद
होगा सर्वेे
● बजट में खगड़िया से जुड़ी दो रेल परियोजना में सर्वें शामिल
● कई सालों से होती आ रही है इसकी मांग
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