मेरे ब्लॉग पर बेबाक़ और सीधी बात।
बेईमान बैठा बाजार सरेआम, बिकता जो आज कल इमान। मोल का आज होने लगा तौल, बेग़ैरत हो गया जो आज जहां।।
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