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शनिवार, 28 मार्च 2020

इंसानों की बस्ती आज है खाली
  खिला चमन आज हर तरफ है वीरान
उड़ने की हौसले आज है मायूस
  चहकी है गगन बस उड़ते आज पंछी

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