मेरे ब्लॉग पर बेबाक़ और सीधी बात।
मेरी सलामती की दुआ न करना मेरे दोस्त। कईयों ने मेरी बर्बादी की मांग रखी है मन्नते।। तेरी रब से इक इबादत न हो जाये कहीं बेजा। मेरी खातिर क्यों जमाने से होंगे भला रब रुसवा।।
एक टिप्पणी भेजें
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें